Site icon Hardin Kabar

राजस्थान सरकार ने Single Lease Cases की जांच के लिए समिति गठित की

_राजस्थान सरकार ने Single Lease Cases की जांच के लिए समिति गठित की

 राजस्थान सरकार ने Single Lease Cases की जांच के लिए समिति गठित की: राजस्थान में एकल पट्टा से जुड़े मामलों की निष्पक्ष जांच के लिए राज्य सरकार ने एक कमेटी गठित की है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के निर्देश पर पूर्व न्यायाधीश आरएस राठौड़ की अध्यक्षता में यह कमेटी गठित की गई है। गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव और नगरीय विकास एवं आवासन विभाग के प्रमुख सचिव इस कमेटी के सदस्य होंगे।

यह भी पढ़ें – Katrina Kaif Vicky Kaushal की फिल्म Bad Newz देखने के लिए बेताब हैं

राजस्थान सरकार ने Single Lease Cases की जांच के लिए समिति गठित की

उल्लेखनीय है कि पिछली सरकार के कार्यकाल में एकल पट्टा मामले में अनियमितताओं को लेकर कोर्ट से केस वापस लेने के लिए कमेटी गठित की गई थी। हालांकि कमेटी में तत्कालीन यूडीएच मंत्री के कार्यालय से जुड़े अधिकारियों को शामिल किया गया था। इससे उक्त कमेटी की निष्पक्षता पर सवाल खड़े हो गए थे। भजनलाल सरकार ने पिछले दिनों बहुचर्चित एकल पट्टा मामले में कांग्रेस विधायक शांति धारीवाल समेत तीन अन्य अधिकारियों को क्लीन चिट दे दी थी। सुप्रीम कोर्ट में सरकार की ओर से पेश जवाब में बताया गया है कि दस साल पहले के एकल पट्टा मामले में कोई केस नहीं बनता है। एकल पट्टा मामले में नियमों का पूरा पालन किया गया, जिससे सरकार को किसी प्रकार का वित्तीय नुकसान नहीं हुआ है।
पूरा मामला 29 जून 2011 का है, जब जयपुर विकास प्राधिकरण ने गणपति कंस्ट्रक्शन के प्रोपराइटर शैलेंद्र गर्ग के नाम एकल पट्टा जारी किया था। परिवादी रामशरण सिंह ने 2013 में इसकी शिकायत भ्रष्टाचार एसीबी में की थी। शिकायत के आधार पर गणपति कंस्ट्रक्शन के प्रोपराइटर शैलेंद्र गर्ग, तत्कालीन एसीएस जीएस संधू, उपसचिव निष्काम दिवाकर, जोन उपायुक्त ओंकारमल सैनी व दो अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था। इनके खिलाफ एसीबी कोर्ट में चालान पेश किया गया था।

राजस्थान सरकार ने Single Lease Cases की जांच के लिए समिति गठित की

विवाद बढ़ने पर जेडीए ने 25 मई 2013 को एकल पट्टा निरस्त कर दिया था। इस मामले में तत्कालीन वसुंधरा सरकार के समय 3 दिसंबर 2014 को एसीबी ने मामला दर्ज किया था। तत्कालीन यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल से भी पूछताछ की गई थी। लेकिन 2018 में राजस्थान में गहलोत सरकार के सत्ता में आते ही एसीबी ने कोर्ट में तीन क्लोजर रिपोर्ट पेश कर पूर्व आईएएस जीएस संधू, पूर्व आरएएस निष्काम दिवाकर और ओंकारमल सैनी को क्लीन चिट दे दी थी। एसीबी की ओर से कोर्ट में तीसरी क्लोजर रिपोर्ट 19 जुलाई 2022 को पेश की गई। इसमें भी एसीबी ने एकल पट्टा मामले में कोई अनियमितता नहीं मानते हुए इन आरोपियों के खिलाफ दायर चार्जशीट वापस लेने के लिए कोर्ट में अर्जी लगाई थी, लेकिन कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया।
इस मामले में हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ आरटीआई कार्यकर्ता अशोक पाठक की ओर से सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की गई थी। इसे भ्रष्टाचार का मामला मानते हुए तर्क दिया गया था कि केवल परिवादी की सहमति के आधार पर इसे बंद नहीं किया जा सकता। राजस्थान सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दायर एसएलपी में 22 अप्रैल को अपना जवाब पेश किया, जिसमें कहा गया कि एकल पट्टा मामले में कोई मामला नहीं बनता, लेकिन चुनाव बाद इस मामले की जांच के लिए नई कमेटी बनाई गई है।

Exit mobile version